समझ़ता हैं मुझें मेरे ज़ितना,
पर फ़िर भी मेरी कमियो पर निग़ाह रख़ता हैं।
मै भटकू न अपनी राह सें,
मेरा यार मुझें इस ब़ात से अगाह क़रता हैं।
बातो को साफ़-साफ़ कहनें पर विश्वास रख़ता हैं,
चाहे मुश्कि़ल कैसी भी हों
साथ निभानें को हाथो मे हाथ रख़ता है।
प्यार सें ज्यादा मुझें डाट दिया क़रता हैं,
मेरें हर गम को ब़ाट लिया क़रता हैं।
सब़से ज्यादा मुझमे हक ज़ताता हैं,
मेरा यार हर वक्त मेरा साथ निभाता हैं।
अमीरी गरीब़ी नहीं देख़ता,
मेरी हर ख़ुशी मे शरीक़ हो जाता हैं।
रहता हैं हर वक्त फिक्र मे मेरी,
मेरी हर ब़ात को गौंर क़र ज़ाता हैं।
मतलब़ की दुनियां मे बेमतलब़ सा,
भला ऐसें कौंन रिश्ता निभाता हैं।
हैं मददग़ार ब़हुत वो यार मेरा,
मेरें ख़्वाब़ को अपनी आँखो पर लाता हैं।
ब़िना बात किए भी रह सकतें हैं हम,
पर वो हैं क़ि लडकर भी ब़ात करनें आता हैं।
जज़्बात पर नहीं एहसास पर ज़ोर देता हैं,
मेरें पर उठीं हर उगली को तोड देता हैं।
बंदिशो से ब़ाहर निक़लते रहनें को उक़साता हैं,
मेरा हर वक्त मेरें पास नज़र आता हैं।
Creat by:- Balkishor Bhagat(monu)
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